मुझे कोई दिक्कत नहीं है इस रिश्ते से..आगे जैसा आपलोग ठीक समझे।" मुझे कोई दिक्कत नहीं है इस रिश्ते से..आगे जैसा आपलोग ठीक समझे।"
बस समझ लो जिंदगी की गर्म कड़ाही में इश्क का हलवा पकने का जुगाड़ हो गया... बस समझ लो जिंदगी की गर्म कड़ाही में इश्क का हलवा पकने का जुगाड़ हो गया...
सोशल होने के लिए “सोशल-मीडिया” का मोहताज़ क्यों होना? सोशल होने के लिए “सोशल-मीडिया” का मोहताज़ क्यों होना?
तो तुम ही बताओ अब भला क्या कहकर उसे घण्टो मोबाइल चलाने के लिए देंगे। तो तुम ही बताओ अब भला क्या कहकर उसे घण्टो मोबाइल चलाने के लिए देंगे।
यह पुस्तक कब तैयार होती है और कब मेरे पाठकों के हाथों में पहुंचती है। तब तक इंतजार करो सख यह पुस्तक कब तैयार होती है और कब मेरे पाठकों के हाथों में पहुंचती है। तब तक इंतज...